कहू के धन माल है , कहू के परिवार !
तुलसी आस गरीब के, राम नाम आधार !!
मन की गति है अटपटी, भक्ति मन लगाये न कोय !
जो मन की खटपट मिटे, तो चटपट दर्शन होय !!
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट !
अंत काल पछतायेगा, प्राण जायेंगे छूट !!
तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग !
हिलिए मिलिए प्रेम सो नदी नाव संयोग !!
जून नवम्बर जानिए , अप्रैल सितम्बर तीस !
फरबरी को छोड़कर, बाकि सब इकतीस !!
तुलसी आस गरीब के, राम नाम आधार !!
मन की गति है अटपटी, भक्ति मन लगाये न कोय !
जो मन की खटपट मिटे, तो चटपट दर्शन होय !!
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट !
अंत काल पछतायेगा, प्राण जायेंगे छूट !!
तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग !
हिलिए मिलिए प्रेम सो नदी नाव संयोग !!
जून नवम्बर जानिए , अप्रैल सितम्बर तीस !
फरबरी को छोड़कर, बाकि सब इकतीस !!