Wednesday, 11 April 2012
Wednesday, 14 March 2012
मन की खटपट
कहू के धन माल है , कहू के परिवार !
तुलसी आस गरीब के, राम नाम आधार !!
मन की गति है अटपटी, भक्ति मन लगाये न कोय !
जो मन की खटपट मिटे, तो चटपट दर्शन होय !!
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट !
अंत काल पछतायेगा, प्राण जायेंगे छूट !!
तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग !
हिलिए मिलिए प्रेम सो नदी नाव संयोग !!
जून नवम्बर जानिए , अप्रैल सितम्बर तीस !
फरबरी को छोड़कर, बाकि सब इकतीस !!
तुलसी आस गरीब के, राम नाम आधार !!
मन की गति है अटपटी, भक्ति मन लगाये न कोय !
जो मन की खटपट मिटे, तो चटपट दर्शन होय !!
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट !
अंत काल पछतायेगा, प्राण जायेंगे छूट !!
तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग !
हिलिए मिलिए प्रेम सो नदी नाव संयोग !!
जून नवम्बर जानिए , अप्रैल सितम्बर तीस !
फरबरी को छोड़कर, बाकि सब इकतीस !!
Monday, 5 March 2012
भजले हरी हरी , ओ पगले भजले हरी हरी !!
सुन मानव अब त्याग भी झूठा मान भिमान !
सुन मानव अब त्याग भी झूठा मान भिमान !
दो दिन के ये ठाट है, दो दिन की ये शान !
भजले हरी हरी , ओ पगले भजले हरी हरी !!
दाम बिना निर्धन दुखी तृष्णा बाद धनबान !
दाम बिना निर्धन दुखी तृष्णा बाद धनबान !
कहुं न सुख इस जग में देखे चरों धाम !!
भजले हरी हरी , ओ पगले भजले हरी हरी !!
सर्वनाश के मूल है ये सब भोग विलास !
सर्वनाश के मूल है ये सब भोग विलास !
खारे पानी से बुझे कब अमृत की प्यास !
भजले हरी हरी , ओ पगले भजले हरी हरी !!
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